प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख
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प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख शुभम यादव शोधार्थी हिन्दी विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय , दिल्ली इतिहास लेखन की सवर्ण दृष्टि ने फातिमा शेख को इतिहास के गर्भ में विलुप्त कर दिया था किन्तु सबाल्टर्न इतिहासकारों ने इस सवर्ण लेखन की परंपरा के बरक्स अपने अतीत की खोज करनी शुरू की और फातिमा शेख का नाम एक बहुजन आइकन के रूप में दर्ज किया। इनका जन्म उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ था , यह सावित्री बाई फूले की सहयोगी थीं। जब फूले दम्पति ने ब्राह्मणवाद की विचारधारा को प्रश्नांकित करते हुए उस पर तमाम सवाल उठाए , ईश्वर पर प्रश्न चिन्ह लगाया , तत्कालीन समाज में प्रचलित ब्राह्मणों की सत्ता को चैलेंज किया , महिलाओं , दलितों , शोषितों के लिये स्कूल खोले तथा समाज में फैली रूढ़ियों और अंधविश्वासों को समाप्त करने की पहल शुरू की तो सामाजिक दबाव के कारण फूले दम्पति को उनके घर वालों ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। ऐसे समय में फूले दम्पति की सहायता करने के लिये आने वाला नाम फातिमा शेख और उस्मा